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U.P. Police thrashes Muslims for catching fishes in Ballia

Ballia April 12, 2017 Rihai Manch has accused Ballia police of first asking names and on finding the victims were Muslims, they beat them due to religious hatred. The forum has demanded legal action against the culprits, saying that since Yogi became the Chief Minister of the state police has started behaving like Bajrang Dal-Hindu Yuva Vahini.

मछली मारने के नाम मुस्लिम युवकों को बलिया पुलिस ने पीटा - रिहाई मंच

रिहाई मंच ने पीड़ितों से की मुलाकात, कराया मेडिकल पीड़ित कम्पलेन करने से डर रहे हैं, फर्जी मामले में फंसा सकती है पुलिस नोट- रिहाई मंच ने पीड़ितों का वीडियो किया जारी  
  बलिया 12 अप्रैल 2017। रिहाई मंच ने बलिया पुलिस पर मुसलमानों को नाम पूछकर धार्मिक द्वेष से पीटने का आरोप लगाया है। मंच ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि योगी के मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश की पुलिस बजरंगदल-हिंदू युवा वाहिनी की तरह व्यवहार करने लगी है। जिससे पुलिस की अपनी विश्वसनियता ही खतरे में पड़ गई है। मंच ने इस घटना को अलवर में कथित गौरक्षकों द्वारा गाय खरीद कर ले जा रहे पहलू खान की बर्बर हत्या से भी खतरनाक बताते हुए कहा कि वहां तो अपराधियों ने मुसलमान को उसके धार्मिक पहचान के आधार पर मारा लेकिन यहां तो यूपी पुलिस ने यह काम खुद किया है।    रिहाई मंच बलिया महासचिव बलवंत यादव द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में घटना की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा गया है कि 6-7 अप्रैल की रात को ग्राम बहेरी निवासी इसरार खान उम्र 48 साल पुत्र मंगरू खान, मुश्ताक उर्फ दौलत उम्र 25 साल पुत्र मुल्तान और सुभाश बिंद उम्र 25 साल पुत्र सुरेश बिंद मछली मारने के लिए लालगंज धाना क्षेत्र स्थित गंगा घाट गए थे। रात साढ़े 12 बजे के करीब चार पुलिसकर्मी जिनमें से एक सादी वर्दी में सम्भवतः दारोगा भी थे जो अपने सहयोगी सिपाहियों के साथ वहां आए और पूछताछ की। पीड़ितों के यह बताने पर कि वे मछली मारने आए हैं और उन्हंे अपने साथ मछली पकड़ने के लिए लाया गया झोला और उसमें रखा चारा दिखाया और बताया कि वे यह काम कई सालों से कर रहे हैं तो पुलिसकर्मियों ने उनसे उनका नाम पूछा। जब उन्होंने अपने नाम इसरार, मुश्ताक और तीसरे साथी ने सुभाष बताया तो पुलिस वालों ने सुभाष को दो-तीन थप्पड़ मार कर वहां से भगा दिया और बाकी दो को मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए कहने लगे कि ये साले मुसलमान हैं, कटुआ हैं, साले गाय काटते हैं, मारो सालों को। इतना कहते ही पुलिस वालों ने उन्हें डंडे से बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद वे उन्हें चैकी ले गए जहां फिर से उन्हें सम्प्रदाय सूचक गालियां देते हुए डंडों से पीटा गया और बाद में यह कहते हुए वहां से भगा दिया गया कि फिर दोबारा इधर मत दिखना नहीं तो परिणाम बुरा होगा। इस दरम्यान पुलिसकर्मियों ने मुश्ताक उर्फ दौलत का डूवल सिम चायनीज मोबाईल जिसका नम्बर 9795869076 और 8423851248 था, भी छीन लिया।    प्रेस विज्ञप्ति में बलवंत यादव ने आगे बताया है कि घटना की सूचना मिलने के बाद 10 अप्रैल को उन्होंने, इंडियन पीपुल्स सर्विसेज (असईपीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद गोंडवाना, रिहाई मंच के जिला अध्यक्ष डाॅ0 अहमद कमाल, सचिव मंजूर आलम, रोशन अली के साथ दोनों पीड़ितों से मुलाकात की और जिला अस्पताल में उनका मेडिकल करवाया। जिसमें गम्भीर चोटों के निशान पाए गए हैं। इस दौरान रिहाई मंच के अन्य सदस्यों ने सुभाष बिंद से भी घटना की पूरी जानकारी ली।    प्रेस विज्ञप्ति में आईपीएस नेता अरविंद गोंडवाना ने कहा है कि पीड़ित योगी सरकार में पुलिस के खिलाफ शिकायत करने से डर रहे हैं कि ऐसा करने पर पुलिस उन्हें आगे चलकर फिर किसी मामले में फंसा सकती है। उन्होंने समाज के अमनपसंद लोगों से पीड़ितों का हौसला बढ़ाने के लिए सामने आने की अपील की है। अरविंद गोंडवाना ने कहा है कि जब पुलिस ही जनता को धर्म और जाति पूछकर मारेगी तो पुलिस और साम्प्रदायिक तत्वों में क्या फर्क रह जाएगा।   द्वारा जारी  बलवंत यादव महासचिव रिहाई मंच, बलिया मो0 9451747170 ------------------------------------- Rihai Manch : For Resistance Against Repression   Office - 110/46, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon (E), Laatouche Road, Lucknow facebook.com/rihaimanch - twitter.com/RihaiManch